क्या झमेला है !
ये रिश्तों का कैसा रेलम-पेला है ?
भीड़ सी मची है जैसे अजनबियों का मेला है ,
न मैं जानूँ उन चेहरों को
न वो पहचानें मेरी राहों को फिर भी लाखों के लाईक्स हो गए !
तू काम का है तो मेरा है वरना तू भीड़ में भी अकेला है ।
क्या करें यूज़ एंड थ्रो का ज़माना है !
क्रैडिट से काम चलाना है , कौन सा अपनी जेब से जाना है !
हम सिर्फ़ बंटोरते रह गए , वो हमारे पिन कोड से समेट कर ले गए !
कहता तो वो मुझको अपना था फिर मेरा नंबर ब्लॉक कर कहाँ चले गए !
पहले तो रिश्तों की एहमियत पर बड़े-बड़े मैसेज भेजा करते थे ,
इंसान के अख़लाक़ पर हिला देने वाले वीडियो शेयर किया करते थे !
हम उन उपदेशों पर अपने को आँकते रह गए
और वो उपदेशों के सैंसेशन बन ज़माने को हाँकते चले गए ।
✍️🙂👍👍👍👍👍
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Thanks a lot .
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🙏😊🙏
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बहुत सुंदर लिखा जी😊
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हा , हा ! बस यूँही गैजेट्स से उकता कर , कुछ लोगों के बदलते ईमान को देखकर लिख डाला । हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका बहुत शुक्रिया ।
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